मेरा गांव मेरी सड़क

उत्तराखण्ड एक पर्वतीय राज्य होने के कारण भौगोलिक, आर्थिक एवं संसाधनात्मक परिस्थितियों के कारण राज्य की मूलभूत आवश्यकताएं, प्राथमिकताएं, आधार एवं मानक मैदानी राज्यों से भिन्न हैं। राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में पात्र बस्तियों को सड़कों से जोड़ने की आवश्यकता महसूस की जा रही है। राज्य के दूरस्थ/अति दूरस्थ क्षेत्रों के स्थानीय लोगों को आम जनता से जोड़ने तथा उनकी मूलभूत आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु उन्हें मुख्य सड़कों से जोड़ने की अत्यन्त आवश्यकता है, जिससे वे अन्य लोगों के सम्पर्क में आसानी से आ सकें तथा गांव की उपज को बाजार उपलब्ध कराकर उनकी आजीविका में भी सुधार हो सके तथा गांवों से पलायन को रोका जा सके। इस उद्देश्य की पूर्ति हेतु ‘‘मेरा गांव मेरी सड़क’’ योजना प्रारम्भ की गई है। राज्य के 95 विकास खण्डों में प्रति विकास खण्ड दो सड़कें अर्थात कुल 190 सम्पर्क सड़कें बनाने का लक्ष्य है। योजना का शुभारम्भ 31 जनवरी, 2015 को किया गया था। पर्वतीय एवं मैदानी क्षेत्रों में 01 किमी तक सी.सी. सड़क की लागत रू. 69.46 एवं 49.21 लाख है। अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के लिए क्रमशः 19 और 03 प्रतिशत राशि निर्धारित की गई है।
लाभार्थी:
सुदूर एवं अत्यंत सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों के निवासी।
लाभ:
बाजारों और आवश्यक सेवाओं तक बेहतर पहुंच के लिए बेहतर सड़क संपर्क।
आवेदन कैसे करें
योजना के अंतर्गत पात्र बस्तियों का चयन विकास खंड स्तर पर किया जाता है।